Benefits: Useful in controlling and eliminating ailments related to cough, gas, digestive system, liver, jaundice, kidney, prostate, diabetes, gynecological disorders, swelling of organs, rashes, cancer, tuberculosis, thyroid, head-ache, joint-aches, body-ache, stomach worms, pediatric disorders, ear diseases, etc.
This is one of the most beneficial medicine since it helps balance the three doshas Vatta, Pitta, and Kapha. Cures cold cough, intestinal, liver, spleen and kidney disorders, prostrate and urinary infections, diabetes, rheumatism, body pain and all sorts of female diseases.
Dosage: 2- tablespoon ark in one cup of water in early morning on empty stomach.
For children suffering from worm infestation, use 1-tablespoon ark in 2-tablespoon of water.
धर्मशास्त्रों में गोझरण को अति पवित्र माना गया है। गोझरण का छिड़काव वातावरण को शुद्ध एवं पवित्र बनाता है। आज का विज्ञान भी गोझरण को कीटाणुनाशक बताता है। संत श्री आसाराम जी गौशाला निवाई के पवित्र वातावरण में आश्रम के साधको द्वारा गोझरण अर्क तैयार किया जाता है। यह अर्क निम्न रोगों में उपयोगी सिद्ध होता है।
लाभः कफ के रोग (जैसे सर्दी, खाँसी, दमा आदि), वायु के रोग, पेट के रोग, गैस, अग्निमांद्य, आमवात, अजीर्ण, अफरा, संग्रहणी, लीवर के रोग, पीलिया (कामला), प्लीहा के रोग, मूत्रपिंड (किडनी) के रोग (पथरी आदि), प्रोस्टेट व मूत्राशय के रोग (पेशाब का रूक जाना आदि), बहूमूत्रता, मोटापा, मधुप्रमेह, स्त्रीरोग, सूजाक (गोनोरिया), चमड़ी के रोग, सफेद दाग, शोथ, कैंसर, क्षयरोग, गले की गाँठें, जोड़ों का दर्द, गठिया, बदनदर्द, कृमि, बच्चों के रोग, कान के रोग, सिर में रूसी, सिरदर्द आदि में फायदा करता है। यह नाड़ीशोधक है।
मात्राः 30 मि.ली. पानी में 2 चम्मच अर्क।
बच्चों के पेट में कृमि हों तो 1 चम्मच अर्क में 2 चम्मच पानी मिलाकर।
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